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देसी जिम के प्रति बढ़ रहा है रुझान; सीढ़ी, स्टूल, हसली और टायर का प्रयोग हो रहा

कोविड-19 के बाद अन्य सभी चीजें अनलॉक हो चुकी हैं,लेकिन जिम बंद हैं। इसलिए खिलाड़ियों और लोगों ने फिटनेस के लिए देसी जिम का रुख कर लिया है। देसी जिम यानी घरेलू उपकरणों की मदद से घर पर ही ट्रेनिंग। खिलाड़ियों ने घर में रखी चीजों का उपयोग वेट उपकरण के रूप में करते हुए न केवल ट्रेनिंग शुरू कर दी है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए अपने प्रयास शुरू कर दिए हैं।

कुछ जिम संचालक भी अपने यहां देसी जिम उपकरण की व्यवस्था कर रहे हैं, जिससे जिम खुलने के बाद लोग अपनी सहूलियत के अनुसार इनके माध्यम से फिटनेस बनाए रख सकें।

लॉकडाउन में जिम के प्रति भी खिलाड़ियों का ट्रेंड बदला है:गोल्ड मेडलिस्ट शुभम प्रताप सिंह

2018 में अमेरिका में हुई वर्ल्ड पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप के गोल्ड मेडलिस्ट शुभम प्रताप सिंह ने बताया, ‘लॉकडाउन में जिम के प्रति भी खिलाड़ियों का ट्रेंड बदला है। लोग एक्सरसाइज के लिए घर में रखे सामान का उपयोग कर फिटनेस बना रहे हैं। देसी जिम का जमाना लौट आया है। मसल्स बनाने के लिए हसली, मुगदर, टायर का उपयोग कर रहे हैं। जबकि कार्डियो के लिए स्टूल और घर की सीढ़ियाें का प्रयोग करते हैं। सीढ़ी पर चढ़कर-उतरकर या स्टूल पर जंप कर एक्सरसाइज कर रहे हैं। मैं भी देसी उपकरणों की व्यवस्था कर रहा हूं।’

हसली से हमारे शरीर के ज्वाइंट मजबूत होते हैं

नाल: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में मददगार। शोल्डर, हिप ज्वाइंट्स के साथ टोटल बॉडी के ज्वाइंट्स मजबूत होते हैं।
हसली: इससे भी बॉडी के ज्वाइंट मजबूत होते हैं। बैक बोन और पैरों की मजबूती के लिए यह बहुत जरूरी है।
मुगदर: कंधे, कलाई, कोहनी, पीठ के मसल्स की मूवमेंट बढ़ती है। कंधे-कलाई के जोड़ मजबूत होते हैं।
ईंट, पत्थर या लोहे की भारी कुर्सी: फ्रंट ट्रेनिंग, वेट ट्रेनिंग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के लिए यह जरूरी है।

'एक्सरसाइज का पैटर्न भी चेंज करते रहना चाहिए'

डॉक्टर से सलाह लेकर ही जिम ज्वाइन करना चाहिए। धीरे-धीरे लोड बढ़ाएं। एक्सरसाइज का पैटर्न भी चेंज करते रहना चाहिए। ऐसा नहीं कि साइक्लिंग ही कर रहे या फिर दौड़ ही रहे हैं। कुछ एक, दो स्पोर्ट्स से भी जुड़ना चाहिए जिसमें थकान के साथ बॉडी का पूरा मूवमेंट हो जाता है। जैसे बैडमिंटन, बास्केटबॉल और वाॅलीबॉल।
-प्रो. विल्फ्रेड वाज, डायरेक्टर ऑफ फिटनेस सेंटर, लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन



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गोल्ड मेडलिस्ट शुभम प्रताप सिंह ने बताया, ‘लॉकडाउन में जिम के प्रति भी खिलाड़ियों का ट्रेंड बदला है। लोग एक्सरसाइज के लिए घर में रखे सामान का उपयोग कर फिटनेस बना रहे हैं।'

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